Akankhya Rout

GUEST

Akankhya Rout

a passionate journalist and writer with a keen interest in social issues and community stories. contributing to Gaon Connection, a leading rural media platform, where she brings to light the voices and experiences of people from rural India.

a passionate journalist and writer with a keen interest in social issues and community stories. contributing to Gaon Connection, a leading rural media platform, where she brings to light the voices and experiences of people from rural India.

पहचान की जद्दोजहद: घुमंतू समुदायों की अनसुनी आवाज़ें
पहचान की जद्दोजहद: घुमंतू समुदायों की अनसुनी आवाज़ें

By Akankhya Rout

उत्तर प्रदेश और राजस्थान के घुमंतू समुदायों जैसे सपेरा, मदारी और नट आज भी बुनियादी सुविधाओं से वंचित हैं। शिक्षा, स्वास्थ्य, आवास और सरकारी योजनाओं का लाभ इन तक नहीं पहुँच पा रहा है। सरकारी प्रयासों के बावजूद, इनकी समस्याएँ जस की तस बनी हुई हैं।

उत्तर प्रदेश और राजस्थान के घुमंतू समुदायों जैसे सपेरा, मदारी और नट आज भी बुनियादी सुविधाओं से वंचित हैं। शिक्षा, स्वास्थ्य, आवास और सरकारी योजनाओं का लाभ इन तक नहीं पहुँच पा रहा है। सरकारी प्रयासों के बावजूद, इनकी समस्याएँ जस की तस बनी हुई हैं।

“मैं अपने बच्चे के सामने रो भी नहीं सकती, जितनी भी तकलीफ़ हो, मुस्कराती रहती हूँ।"
“मैं अपने बच्चे के सामने रो भी नहीं सकती, जितनी भी तकलीफ़ हो, मुस्कराती रहती हूँ।"

By Akankhya Rout

जिस उम्र में बच्चे खेलते-कूदते हैं, स्कूल जाते हैं, उसी उम्र का बच्चा अगर सहारे के लिए माँ-बाप की ओर देखे तो उससे बड़ा दुख नहीं, ओडिशा में ऐसे सैकड़ों माँ-बाप अपने बच्चे की इस बीमारी का इलाज कराने के लिए प्रदर्शन कर रहे हैं।

जिस उम्र में बच्चे खेलते-कूदते हैं, स्कूल जाते हैं, उसी उम्र का बच्चा अगर सहारे के लिए माँ-बाप की ओर देखे तो उससे बड़ा दुख नहीं, ओडिशा में ऐसे सैकड़ों माँ-बाप अपने बच्चे की इस बीमारी का इलाज कराने के लिए प्रदर्शन कर रहे हैं।

कभी दिहाड़ी मजदूरी करते थे; आज 11 किताबों के लेखक हैं
कभी दिहाड़ी मजदूरी करते थे; आज 11 किताबों के लेखक हैं

By Akankhya Rout

एक दिहाड़ी मजदूर, जो कभी शराब के नशे में धुत रहा करता था; आज किताबों के नशे में डूबा रहता है। जिसे कभी प्रकाशकों ने ये कह कर वापस कर दिया था कि भला एक मजदूर कैसे किताब लिख सकता है? उन्होंने आज 11 किताबें लिख दी हैं।

एक दिहाड़ी मजदूर, जो कभी शराब के नशे में धुत रहा करता था; आज किताबों के नशे में डूबा रहता है। जिसे कभी प्रकाशकों ने ये कह कर वापस कर दिया था कि भला एक मजदूर कैसे किताब लिख सकता है? उन्होंने आज 11 किताबें लिख दी हैं।

मछुआरों की कमाई का नया ज़रिया: तमिलनाडु में बेकार जालों की हो रही रीसाइक्लिंग
मछुआरों की कमाई का नया ज़रिया: तमिलनाडु में बेकार जालों की हो रही रीसाइक्लिंग

By Akankhya Rout

समुद्र में मछली पकड़ने के लिए उपयोग किए जाने वाले प्लास्टिक के जाल, जब बेकार हो जाते हैं, तो अक्सर समुद्री प्रदूषण का कारण बनते हैं। लेकिन तमिलनाडु में, इस समस्या का समाधान निकाला गया है।

समुद्र में मछली पकड़ने के लिए उपयोग किए जाने वाले प्लास्टिक के जाल, जब बेकार हो जाते हैं, तो अक्सर समुद्री प्रदूषण का कारण बनते हैं। लेकिन तमिलनाडु में, इस समस्या का समाधान निकाला गया है।

‘टीवी देखने से बच्चे बिगड़ते नहीं, स्मार्ट क्लास में दुनिया के बारे में भी जानते हैं’
‘टीवी देखने से बच्चे बिगड़ते नहीं, स्मार्ट क्लास में दुनिया के बारे में भी जानते हैं’

By Akankhya Rout

बच्चों को टीवी से दूर रखा जाता है, और जब स्कूल के स्मार्ट क्लास में टीवी से पढ़ाई शुरू हुई तो अभिभावकों को लगा कि यहाँ पढ़ाई नहीं होती, कई लोगों ने विरोध भी किया, लेकिन जिस स्कूल में कभी 25 बच्चे आते थे, आज 150 बच्चे रेगुलर आते हैं।

बच्चों को टीवी से दूर रखा जाता है, और जब स्कूल के स्मार्ट क्लास में टीवी से पढ़ाई शुरू हुई तो अभिभावकों को लगा कि यहाँ पढ़ाई नहीं होती, कई लोगों ने विरोध भी किया, लेकिन जिस स्कूल में कभी 25 बच्चे आते थे, आज 150 बच्चे रेगुलर आते हैं।

मुंबई की ज़िंदगी छोड़ स्पीति के दूर पहाड़ी गाँव में शुरू किया फ्री बोर्डिंग स्कूल
मुंबई की ज़िंदगी छोड़ स्पीति के दूर पहाड़ी गाँव में शुरू किया फ्री बोर्डिंग स्कूल

By Akankhya Rout

बर्फ़ की चादर से लिपटे पहाड़ों और तीन फीट बर्फ़ से जमी हुई सड़कों के बीच, जहाँ बिजली और इंटरनेट कनेक्टिविटी भी बड़ी मुश्किल से पहुँचती है वहाँ पर शहर की सुख-सुविधाओं को छोड़कर पोर्शिया बस गई हैं, ताकि स्पीति के बच्चों की शिक्षा के लिए कुछ कर सकें।

बर्फ़ की चादर से लिपटे पहाड़ों और तीन फीट बर्फ़ से जमी हुई सड़कों के बीच, जहाँ बिजली और इंटरनेट कनेक्टिविटी भी बड़ी मुश्किल से पहुँचती है वहाँ पर शहर की सुख-सुविधाओं को छोड़कर पोर्शिया बस गई हैं, ताकि स्पीति के बच्चों की शिक्षा के लिए कुछ कर सकें।

जिनके अंतिम समय में कोई नहीं होता, उनके लिए ये महिलाएं खड़ी रहती हैं
जिनके अंतिम समय में कोई नहीं होता, उनके लिए ये महिलाएं खड़ी रहती हैं

By Akankhya Rout

महिला दिवस पर पढ़िए ओडिशा की चार महिलाओं की कहानी जो ऐसे लोगों के अंतिम समय में साथ खड़ी रहती हैं, जिन्हें अपने भी छोड़ देते हैं।

महिला दिवस पर पढ़िए ओडिशा की चार महिलाओं की कहानी जो ऐसे लोगों के अंतिम समय में साथ खड़ी रहती हैं, जिन्हें अपने भी छोड़ देते हैं।

अब पीरियड्स के नाम पर नहीं हिचकिचाती हैं गाँव की लड़कियाँ
अब पीरियड्स के नाम पर नहीं हिचकिचाती हैं गाँव की लड़कियाँ

By Akankhya Rout

एक इंजीनियर इन दिनों एक नई मुहिम चला रहा है, उनका साथ पाकर अब लड़कियाँ पीरियड्स पर फुसफुसाकर नहीं, खुल कर बात करने लगी हैं।

एक इंजीनियर इन दिनों एक नई मुहिम चला रहा है, उनका साथ पाकर अब लड़कियाँ पीरियड्स पर फुसफुसाकर नहीं, खुल कर बात करने लगी हैं।

ओडिशा के इस समुद्र तट से क्यों रूठ गए ओलिव रिडले कछुए?
ओडिशा के इस समुद्र तट से क्यों रूठ गए ओलिव रिडले कछुए?

By Akankhya Rout

जहाँ कभी हज़ारों ओलिव रिडले कछुए आते थे, आज वहाँ गिनती के कछुए आ रहे हैं। ये पहली बार नहीं है, पिछले एक दशक में इनकी संख्या घटती जा रही है, आखिर क्या है इसके पीछे की वजह?

जहाँ कभी हज़ारों ओलिव रिडले कछुए आते थे, आज वहाँ गिनती के कछुए आ रहे हैं। ये पहली बार नहीं है, पिछले एक दशक में इनकी संख्या घटती जा रही है, आखिर क्या है इसके पीछे की वजह?

"बच्चे पढ़ाई में पीछे न रह जाएँ, इसलिए पाँच किमी पहाड़ चढ़कर हर दिन स्कूल जाता हूँ"
"बच्चे पढ़ाई में पीछे न रह जाएँ, इसलिए पाँच किमी पहाड़ चढ़कर हर दिन स्कूल जाता हूँ"

By Akankhya Rout

पहाड़, झरने और जंगली जानवरों की परवाह किए बिना लगातार सात साल से पहाड़ चढ़कर बच्चों को पढ़ाने के लिए जाते हैं। उन्हें एक घंटे की चढ़ाई के बाद उतरने में भी एक घंटा लगता है।

पहाड़, झरने और जंगली जानवरों की परवाह किए बिना लगातार सात साल से पहाड़ चढ़कर बच्चों को पढ़ाने के लिए जाते हैं। उन्हें एक घंटे की चढ़ाई के बाद उतरने में भी एक घंटा लगता है।

'डमी' द राइज़ ऑफ़ एगटेक: ट्रांसफ़ॉर्मिंग एग्रीकल्चर विद टेक्नोलॉजी

By CMS Admin

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'डमी' बायोप्रिंटिंग ने चिकित्सा में क्रांति ला दी: प्रत्यारोपण के लिए अंगों और ऊतकों की छपाई

By CMS Admin

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'डमी' फोल्डेबल फोन केंद्र में हैं: स्मार्टफोन के भविष्य की एक झलक

By CMS Admin

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'डमी' साइबर सुरक्षा जाल वास्तुकला का उदय: साइबर हमलों के खिलाफ एक अधिक लचीला बचाव

By CMS Admin

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'डमी' के-ड्रामा का क्रेज: क्यों कोरियाई ड्रामा दुनिया भर में धूम मचा रहा है

By CMS Admin

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शिक्षा में 'डमी' आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस: सीखने को निजीकृत करना और शिक्षकों को सशक्त बनाना

By CMS Admin

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'डमी' आभासी वास्तविकता मुख्यधारा में आई: वास्तविक और आभासी दुनिया के बीच की रेखाओं को धुंधला करना

By CMS Admin

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