गाँव से ग्लोबल मार्केट तक: कैसे मिलेगी किसान संपदा योजना को नई रफ्तार
गाँव से ग्लोबल मार्केट तक: कैसे मिलेगी किसान संपदा योजना को नई रफ्तार

By Gaon Connection

केंद्र सरकार ने प्रधानमंत्री किसान संपदा योजना (PMKSY) को नई ऊर्जा देने के लिए 15वें वित्त आयोग चक्र के दौरान ₹6520 करोड़ के कुल बजट को मंजूरी दी है

केंद्र सरकार ने प्रधानमंत्री किसान संपदा योजना (PMKSY) को नई ऊर्जा देने के लिए 15वें वित्त आयोग चक्र के दौरान ₹6520 करोड़ के कुल बजट को मंजूरी दी है

इनकी बाग में हैं आम की 352 से अधिक किस्में, जहाँ साल भर मिलेंगे फल
इनकी बाग में हैं आम की 352 से अधिक किस्में, जहाँ साल भर मिलेंगे फल

By Divendra Singh

लखनऊ की इस बाग 352 से अधिक किस्मों के आम उगाते हैं एस.सी. शुक्ला, जिन्हें लोग ‘मैंगो मैन’ कहते हैं। आम उनके लिए सिर्फ फल नहीं, बल्कि संस्कृति, विज्ञान और भावनाओं का संगम हैं। हर साल उनकी आम प्रदर्शनी बिना किसी टिकट के लोगों को स्वाद, विरासत और विविधता का अनुभव देती है। जानिए उनके इस जुनून की कहानी।

लखनऊ की इस बाग 352 से अधिक किस्मों के आम उगाते हैं एस.सी. शुक्ला, जिन्हें लोग ‘मैंगो मैन’ कहते हैं। आम उनके लिए सिर्फ फल नहीं, बल्कि संस्कृति, विज्ञान और भावनाओं का संगम हैं। हर साल उनकी आम प्रदर्शनी बिना किसी टिकट के लोगों को स्वाद, विरासत और विविधता का अनुभव देती है। जानिए उनके इस जुनून की कहानी।

प्राकृतिक खेती से जीवन में क्रांति: पिछले 16 साल में दवाई पर नहीं खर्च किया एक भी रुपया
प्राकृतिक खेती से जीवन में क्रांति: पिछले 16 साल में दवाई पर नहीं खर्च किया एक भी रुपया

By Manvendra Singh

प्रदूषित खेती और बढ़ती बीमारियों के इस दौर में उत्तर प्रदेश के किसान प्रदीप दीक्षित ने एक अनोखा रास्ता चुना - प्राकृतिक खेती। पिछले 16 सालों से न उन्होंने कोई दवा खाई, न अपने खेतों में कोई रसायन डाला। उनके खेत अब ज़हरमुक्त हैं, मिट्टी फिर से ज़िंदा हो गई है और परिवार पूरी तरह स्वस्थ है। यह कहानी बताती है कि अगर इरादा मजबूत हो, तो मिट्टी और जीवन दोनों को स्वस्थ बनाया जा सकता है- बिना ज़हर, बिना दवाई।

प्रदूषित खेती और बढ़ती बीमारियों के इस दौर में उत्तर प्रदेश के किसान प्रदीप दीक्षित ने एक अनोखा रास्ता चुना - प्राकृतिक खेती। पिछले 16 सालों से न उन्होंने कोई दवा खाई, न अपने खेतों में कोई रसायन डाला। उनके खेत अब ज़हरमुक्त हैं, मिट्टी फिर से ज़िंदा हो गई है और परिवार पूरी तरह स्वस्थ है। यह कहानी बताती है कि अगर इरादा मजबूत हो, तो मिट्टी और जीवन दोनों को स्वस्थ बनाया जा सकता है- बिना ज़हर, बिना दवाई।

पपीता किसान सावधान! बारिश में इस रोग से हो सकता है भारी नुकसान
पपीता किसान सावधान! बारिश में इस रोग से हो सकता है भारी नुकसान

By Dr SK Singh

बारिश के मौसम में पपीते की फसल को कॉलर रॉट जैसे घातक रोग से बड़ा खतरा होता है। यह फफूंदजनित बीमारी पौधे के तने और जड़ों को सड़ा देती है, जिससे पूरी फसल नष्ट हो सकती है। जानिए इसके लक्षण, कारण और बचाव के सरल वैज्ञानिक उपाय - ताकि फसल रहे सुरक्षित और किसान को न हो आर्थिक नुकसान।

बारिश के मौसम में पपीते की फसल को कॉलर रॉट जैसे घातक रोग से बड़ा खतरा होता है। यह फफूंदजनित बीमारी पौधे के तने और जड़ों को सड़ा देती है, जिससे पूरी फसल नष्ट हो सकती है। जानिए इसके लक्षण, कारण और बचाव के सरल वैज्ञानिक उपाय - ताकि फसल रहे सुरक्षित और किसान को न हो आर्थिक नुकसान।

सिर्फ सब्ज़ी नहीं, एक आंदोलन: परवल खेती से झारखंड के किसानों को नई राह
सिर्फ सब्ज़ी नहीं, एक आंदोलन: परवल खेती से झारखंड के किसानों को नई राह

By Gaon Connection

सचिन झा खेती की राह पकड़ी और परवल खेती को झारखंड में नई पहचान दिलाई। आज वह सिर्फ सफल किसान नहीं, बल्कि युवाओं के लिए रोल मॉडल बन चुके हैं।

सचिन झा खेती की राह पकड़ी और परवल खेती को झारखंड में नई पहचान दिलाई। आज वह सिर्फ सफल किसान नहीं, बल्कि युवाओं के लिए रोल मॉडल बन चुके हैं।

अनानास को मिलेगा जैविक कवच: खोजा गया फ्यूजेरियम से लड़ने वाला जीन
अनानास को मिलेगा जैविक कवच: खोजा गया फ्यूजेरियम से लड़ने वाला जीन

By Gaon Connection

अनानास की खेती को फफूंद से बचाने में अब किसान रसायनों पर निर्भर नहीं रहेंगे। बोस संस्थान के वैज्ञानिकों ने ऐसा जीन खोज निकाला है जो पौधे की अंदरूनी प्रतिरक्षा को मज़बूत बनाता है।

अनानास की खेती को फफूंद से बचाने में अब किसान रसायनों पर निर्भर नहीं रहेंगे। बोस संस्थान के वैज्ञानिकों ने ऐसा जीन खोज निकाला है जो पौधे की अंदरूनी प्रतिरक्षा को मज़बूत बनाता है।

आम उत्पादक किसानों के लिए राहत, जानिए किसानों के लिए हैं कौन सी योजनाएँ
आम उत्पादक किसानों के लिए राहत, जानिए किसानों के लिए हैं कौन सी योजनाएँ

By Gaon Connection

वर्ष 2024-25 में आम उत्पादन में उल्लेखनीय वृद्धि की संभावना है, लेकिन इससे किसानों को मूल्य गिरावट का संकट भी झेलना पड़ सकता है। ऐसे समय में सरकार ने ‘प्रधानमंत्री अन्नदाता आय संरक्षण अभियान’ के अंतर्गत बाजार हस्तक्षेप योजना (MIS) और भावांतर भुगतान योजना लागू कर किसानों को राहत दी है। अब अगर बाजार में आम के दाम तय मूल्य से नीचे जाते हैं, तो किसानों को नुकसान की भरपाई सीधे उनके खाते में की जाएगी।

वर्ष 2024-25 में आम उत्पादन में उल्लेखनीय वृद्धि की संभावना है, लेकिन इससे किसानों को मूल्य गिरावट का संकट भी झेलना पड़ सकता है। ऐसे समय में सरकार ने ‘प्रधानमंत्री अन्नदाता आय संरक्षण अभियान’ के अंतर्गत बाजार हस्तक्षेप योजना (MIS) और भावांतर भुगतान योजना लागू कर किसानों को राहत दी है। अब अगर बाजार में आम के दाम तय मूल्य से नीचे जाते हैं, तो किसानों को नुकसान की भरपाई सीधे उनके खाते में की जाएगी।

मछली और पौधे साथ-साथ: जानिए स्मार्ट एक्वापोनिक खेती का विज्ञान
मछली और पौधे साथ-साथ: जानिए स्मार्ट एक्वापोनिक खेती का विज्ञान

By Gaon Connection

स्मार्ट एक्वापोनिक्स प्रणाली, जो मछली पालन और बिना मिट्टी की खेती को एक साथ जोड़ती है, एक क्रांतिकारी कदम है। तकनीक और पर्यावरण का यह अनूठा संगम आने वाले समय की सबसे बड़ी ज़रूरत बन सकता है। खासकर भारत जैसे देशों में जहाँ जलवायु और खाद्य सुरक्षा दोनों ही गंभीर चिंता के विषय हैं।

स्मार्ट एक्वापोनिक्स प्रणाली, जो मछली पालन और बिना मिट्टी की खेती को एक साथ जोड़ती है, एक क्रांतिकारी कदम है। तकनीक और पर्यावरण का यह अनूठा संगम आने वाले समय की सबसे बड़ी ज़रूरत बन सकता है। खासकर भारत जैसे देशों में जहाँ जलवायु और खाद्य सुरक्षा दोनों ही गंभीर चिंता के विषय हैं।

दाल संकट का समाधान: अरहर की इस नई किस्म से बढ़ेगा उत्पादन, घटेगा आयात
दाल संकट का समाधान: अरहर की इस नई किस्म से बढ़ेगा उत्पादन, घटेगा आयात

By Gaon Connection

ICRISAT ने विकसित की ‘आईसीपीवी 25444’ - दुनिया की पहली अरहर किस्म जो 45 डिग्री सेल्सियस तक की गर्मी सह सकती है। मात्र 125 दिनों में तैयार होने वाली यह किस्म अब खरीफ के साथ-साथ गर्मियों में भी सफलतापूर्वक उगाई जा सकेगी। इससे भारत को दाल उत्पादन में आत्मनिर्भर बनने और आयात पर निर्भरता घटाने में मदद मिलेगी

ICRISAT ने विकसित की ‘आईसीपीवी 25444’ - दुनिया की पहली अरहर किस्म जो 45 डिग्री सेल्सियस तक की गर्मी सह सकती है। मात्र 125 दिनों में तैयार होने वाली यह किस्म अब खरीफ के साथ-साथ गर्मियों में भी सफलतापूर्वक उगाई जा सकेगी। इससे भारत को दाल उत्पादन में आत्मनिर्भर बनने और आयात पर निर्भरता घटाने में मदद मिलेगी

बिना नुकसान पहुंचाए धान की नस्लों की जांच: वैज्ञानिकों की नई खोज
बिना नुकसान पहुंचाए धान की नस्लों की जांच: वैज्ञानिकों की नई खोज

By Gaon Connection

X-ray इमेजिंग तकनीक अब धान के दानों की गुणवत्ता जाँचने के लिए पारंपरिक तरीकों का विकल्प बन रही है, वह भी बिना दानों को काटे या नुकसान पहुँचाए। ICRISAT और अंतरराष्ट्रीय वैज्ञानिकों की इस संयुक्त पहल ने चावल के फिजिकल ट्रेट्स की जांच के लिए एक तेज़, सटीक तकनीक विकसित की है।

X-ray इमेजिंग तकनीक अब धान के दानों की गुणवत्ता जाँचने के लिए पारंपरिक तरीकों का विकल्प बन रही है, वह भी बिना दानों को काटे या नुकसान पहुँचाए। ICRISAT और अंतरराष्ट्रीय वैज्ञानिकों की इस संयुक्त पहल ने चावल के फिजिकल ट्रेट्स की जांच के लिए एक तेज़, सटीक तकनीक विकसित की है।

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