By Dr SK Singh
बारिश के मौसम में पपीते की फसल को कॉलर रॉट जैसे घातक रोग से बड़ा खतरा होता है। यह फफूंदजनित बीमारी पौधे के तने और जड़ों को सड़ा देती है, जिससे पूरी फसल नष्ट हो सकती है। जानिए इसके लक्षण, कारण और बचाव के सरल वैज्ञानिक उपाय - ताकि फसल रहे सुरक्षित और किसान को न हो आर्थिक नुकसान।
बारिश के मौसम में पपीते की फसल को कॉलर रॉट जैसे घातक रोग से बड़ा खतरा होता है। यह फफूंदजनित बीमारी पौधे के तने और जड़ों को सड़ा देती है, जिससे पूरी फसल नष्ट हो सकती है। जानिए इसके लक्षण, कारण और बचाव के सरल वैज्ञानिक उपाय - ताकि फसल रहे सुरक्षित और किसान को न हो आर्थिक नुकसान।
By Dr SK Singh
दशपर्णी जैविक खेती के क्षेत्र में एक प्रभावशाली और सुरक्षित उपाय साबित हो रहा है। यह न केवल कीटों और रोगों से बचाव करता है, बल्कि किसानों के लिए किफायती और पर्यावरण के अनुकूल विकल्प भी है।
दशपर्णी जैविक खेती के क्षेत्र में एक प्रभावशाली और सुरक्षित उपाय साबित हो रहा है। यह न केवल कीटों और रोगों से बचाव करता है, बल्कि किसानों के लिए किफायती और पर्यावरण के अनुकूल विकल्प भी है।
By Dr SK Singh
जीवामृत एक देसी जैविक खाद और कीटनाशक है, जो देसी गाय के गोबर-गोमूत्र से तैयार होता है। यह मिट्टी की उर्वरता बढ़ाता है, फसलों को रोगमुक्त करता है और उत्पादन में वृद्धि लाता है। कम लागत में टिकाऊ खेती का यह समाधान किसानों के लिए वरदान साबित हो रहा है।
जीवामृत एक देसी जैविक खाद और कीटनाशक है, जो देसी गाय के गोबर-गोमूत्र से तैयार होता है। यह मिट्टी की उर्वरता बढ़ाता है, फसलों को रोगमुक्त करता है और उत्पादन में वृद्धि लाता है। कम लागत में टिकाऊ खेती का यह समाधान किसानों के लिए वरदान साबित हो रहा है।
By Dr SK Singh
केले की खेती में अधिक उत्पादन और अच्छी गुणवत्ता के लिए मिट्टी की उर्वरता बनाए रखना ज़रूरी होता है। हरी खाद के इस्तेमाल से किसान अपनी मिट्टी को पोषक तत्वों से भरपूर बना सकते हैं, जिससे उन्हें लंबे समय तक फायदा होगा।
केले की खेती में अधिक उत्पादन और अच्छी गुणवत्ता के लिए मिट्टी की उर्वरता बनाए रखना ज़रूरी होता है। हरी खाद के इस्तेमाल से किसान अपनी मिट्टी को पोषक तत्वों से भरपूर बना सकते हैं, जिससे उन्हें लंबे समय तक फायदा होगा।
By Dr SK Singh
आम के छोटे फलों (टिकोले) पर लाल पट्टी वाला छेदक (रेड बैंडेड बोरर) कीट से होने वाले नुकसान को कम करने के लिए ज़रूरी है कि बागों का नियमित निरीक्षण और समय प्रबंधन किया जाये।
आम के छोटे फलों (टिकोले) पर लाल पट्टी वाला छेदक (रेड बैंडेड बोरर) कीट से होने वाले नुकसान को कम करने के लिए ज़रूरी है कि बागों का नियमित निरीक्षण और समय प्रबंधन किया जाये।
By Dr SK Singh
By Dr SK Singh
मधुमक्खियों का योगदान केवल परागण तक सीमित नहीं है। वे जैव विविधता को बनाए रखने में भी अहम भूमिका निभाती हैं।
मधुमक्खियों का योगदान केवल परागण तक सीमित नहीं है। वे जैव विविधता को बनाए रखने में भी अहम भूमिका निभाती हैं।
By Dr SK Singh
इस बीमारी से आम के पौधों की वृद्धि रुक जाती है और अगर समय से ध्यान न दिया गया तो आगे चल कर उत्पादन पर भी असर पड़ता है।
इस बीमारी से आम के पौधों की वृद्धि रुक जाती है और अगर समय से ध्यान न दिया गया तो आगे चल कर उत्पादन पर भी असर पड़ता है।
By Dr SK Singh
फरवरी-मार्च महीने में आम में बौर आने शुरु हो जाते हैं, लेकिन अगर बाग में अच्छे बौर पाने हैं तो किसानों को बौर लगने से पहले कुछ ज़रूरी काम निपटा लेना चाहिए।
फरवरी-मार्च महीने में आम में बौर आने शुरु हो जाते हैं, लेकिन अगर बाग में अच्छे बौर पाने हैं तो किसानों को बौर लगने से पहले कुछ ज़रूरी काम निपटा लेना चाहिए।
By Dr SK Singh
पर्पल ब्लॉच रोग प्याज के उत्पादन में एक बड़ी चुनौती है, लेकिन इसके सही प्रबंधन के ज़रिए से फसल को बचाया जा सकता है। जैविक और रासायनिक उपायों का संतुलित उपयोग, साथ ही कृषि पद्धतियों का पालन, रोग को नियंत्रित करने में मददगार साबित होता है।
पर्पल ब्लॉच रोग प्याज के उत्पादन में एक बड़ी चुनौती है, लेकिन इसके सही प्रबंधन के ज़रिए से फसल को बचाया जा सकता है। जैविक और रासायनिक उपायों का संतुलित उपयोग, साथ ही कृषि पद्धतियों का पालन, रोग को नियंत्रित करने में मददगार साबित होता है।
By CMS Admin
By CMS Admin
By CMS Admin
By CMS Admin
By CMS Admin
By CMS Admin
By CMS Admin