आरा से अमेरिका तक - हर घाट पर गूंजती है छठी मइया की महिमा
आरा से अमेरिका तक - हर घाट पर गूंजती है छठी मइया की महिमा

By Manoj Bhawuk

छठ पूजा की सबसे बड़ी सुंदरता इसकी लोकभाषा और लोक-संगीत में है। छठी मइया को गीतों में संवाद पसंद है, संस्कृत के गूढ़ मंत्रों में नहीं। यही कारण है कि घर से घाट तक की यात्रा गीतों से भरी होती है

छठ पूजा की सबसे बड़ी सुंदरता इसकी लोकभाषा और लोक-संगीत में है। छठी मइया को गीतों में संवाद पसंद है, संस्कृत के गूढ़ मंत्रों में नहीं। यही कारण है कि घर से घाट तक की यात्रा गीतों से भरी होती है

लोक-आस्था की वैश्विक देवी बन गई हैं छठी मइया
लोक-आस्था की वैश्विक देवी बन गई हैं छठी मइया

By Manoj Bhawuk

छठ पूजा की सबसे बड़ी सुंदरता इसकी लोकभाषा और लोक-संगीत में है। छठी मइया को गीतों में संवाद पसंद है, संस्कृत के गूढ़ मंत्रों में नहीं। यही कारण है कि घर से घाट तक की यात्रा गीतों से भरी होती है

छठ पूजा की सबसे बड़ी सुंदरता इसकी लोकभाषा और लोक-संगीत में है। छठी मइया को गीतों में संवाद पसंद है, संस्कृत के गूढ़ मंत्रों में नहीं। यही कारण है कि घर से घाट तक की यात्रा गीतों से भरी होती है

लोक-आस्था की वैश्विक देवी बन गई हैं छठी मइया
लोक-आस्था की वैश्विक देवी बन गई हैं छठी मइया

By Manoj Bhawuk

छठ पूजा की सबसे बड़ी सुंदरता इसकी लोकभाषा और लोक-संगीत में है। छठी मइया को गीतों में संवाद पसंद है, संस्कृत के गूढ़ मंत्रों में नहीं। यही कारण है कि घर से घाट तक की यात्रा गीतों से भरी होती है

छठ पूजा की सबसे बड़ी सुंदरता इसकी लोकभाषा और लोक-संगीत में है। छठी मइया को गीतों में संवाद पसंद है, संस्कृत के गूढ़ मंत्रों में नहीं। यही कारण है कि घर से घाट तक की यात्रा गीतों से भरी होती है

लोक-आस्था की वैश्विक देवी बन गई हैं छठी मइया

By Manoj Bhawuk

छठ पूजा की सबसे बड़ी सुंदरता इसकी लोकभाषा और लोक-संगीत में है। छठी मइया को गीतों में संवाद पसंद है, संस्कृत के गूढ़ मंत्रों में नहीं। यही कारण है कि घर से घाट तक की यात्रा गीतों से भरी होती है

छठ पूजा की सबसे बड़ी सुंदरता इसकी लोकभाषा और लोक-संगीत में है। छठी मइया को गीतों में संवाद पसंद है, संस्कृत के गूढ़ मंत्रों में नहीं। यही कारण है कि घर से घाट तक की यात्रा गीतों से भरी होती है

लोक-आस्था की वैश्विक देवी बन गई हैं छठी मइया

By Manoj Bhawuk

छठ पूजा की सबसे बड़ी सुंदरता इसकी लोकभाषा और लोक-संगीत में है। छठी मइया को गीतों में संवाद पसंद है, संस्कृत के गूढ़ मंत्रों में नहीं। यही कारण है कि घर से घाट तक की यात्रा गीतों से भरी होती है

छठ पूजा की सबसे बड़ी सुंदरता इसकी लोकभाषा और लोक-संगीत में है। छठी मइया को गीतों में संवाद पसंद है, संस्कृत के गूढ़ मंत्रों में नहीं। यही कारण है कि घर से घाट तक की यात्रा गीतों से भरी होती है

'मैं गाँव में बहुत कम रहा पर गाँव मुझ में हमेशा रहा'
'मैं गाँव में बहुत कम रहा पर गाँव मुझ में हमेशा रहा'

By Manoj Bhawuk

कोरोना काल में जब मानव जीवन संकट में पड़ा तो सबको समझ में आया कि पंच तत्व, जिससे जीवन बना है, देह बना है, उससे जुड़ के रहना कितना ज़रूरी है। अपनी मिट्टी से जुड़ के रहना, उसमें लोटना, रोज़ उसको छूना कितना ज़रूरी है। नीम, बरगद, पीपल के छाँव में रहना कितना ज़रूरी है। घाम लोढ़ना कितना ज़रूरी है।

कोरोना काल में जब मानव जीवन संकट में पड़ा तो सबको समझ में आया कि पंच तत्व, जिससे जीवन बना है, देह बना है, उससे जुड़ के रहना कितना ज़रूरी है। अपनी मिट्टी से जुड़ के रहना, उसमें लोटना, रोज़ उसको छूना कितना ज़रूरी है। नीम, बरगद, पीपल के छाँव में रहना कितना ज़रूरी है। घाम लोढ़ना कितना ज़रूरी है।

इस वजह से भिखारी ठाकुर को 'भोजपुरी का शेक्सपियर’ कहते हैं लोग
इस वजह से भिखारी ठाकुर को 'भोजपुरी का शेक्सपियर’ कहते हैं लोग

By Manoj Bhawuk

भिखारी ठाकुर इसलिए अमर और लोकप्रिय हैं, क्योंकि उन्होंने लोक की पीड़ा को महसूस किया और उसे गाया। नारी मन को तो उनसे बेहतर किसी ने आज तक समझा ही नहीं। बेटी बेचवा का गीत – ‘रूपिया गिनाई लिहलस, पगहा धराई दिहलस .. चेरिया के छेरिया बनवलस हो बाबूजी ‘ या 'बिदेसिया के बारहमासा' में एक स्त्री के बारहो महीने और आठों पहर के दुख को जिस तरह से भिखारी ने पकड़ा है, वह किसी और के बस की बात नहीं है। तभी तो किसी विद्वान ने उन्हें ‘भोजपुरी का अनगढ़ हीरा’ कहा, तो किसी ने उन्हें ‘भोजपुरी का शेक्सपियर’ माना।

भिखारी ठाकुर इसलिए अमर और लोकप्रिय हैं, क्योंकि उन्होंने लोक की पीड़ा को महसूस किया और उसे गाया। नारी मन को तो उनसे बेहतर किसी ने आज तक समझा ही नहीं। बेटी बेचवा का गीत – ‘रूपिया गिनाई लिहलस, पगहा धराई दिहलस .. चेरिया के छेरिया बनवलस हो बाबूजी ‘ या 'बिदेसिया के बारहमासा' में एक स्त्री के बारहो महीने और आठों पहर के दुख को जिस तरह से भिखारी ने पकड़ा है, वह किसी और के बस की बात नहीं है। तभी तो किसी विद्वान ने उन्हें ‘भोजपुरी का अनगढ़ हीरा’ कहा, तो किसी ने उन्हें ‘भोजपुरी का शेक्सपियर’ माना।

'डमी' बायोप्रिंटिंग ने चिकित्सा में क्रांति ला दी: प्रत्यारोपण के लिए अंगों और ऊतकों की छपाई

By CMS Admin

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'डमी' फोल्डेबल फोन केंद्र में हैं: स्मार्टफोन के भविष्य की एक झलक

By CMS Admin

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'डमी' द राइज़ ऑफ़ एगटेक: ट्रांसफ़ॉर्मिंग एग्रीकल्चर विद टेक्नोलॉजी

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'डमी' साइबर सुरक्षा जाल वास्तुकला का उदय: साइबर हमलों के खिलाफ एक अधिक लचीला बचाव

By CMS Admin

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'डमी' के-ड्रामा का क्रेज: क्यों कोरियाई ड्रामा दुनिया भर में धूम मचा रहा है

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शिक्षा में 'डमी' आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस: सीखने को निजीकृत करना और शिक्षकों को सशक्त बनाना

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'डमी' आभासी वास्तविकता मुख्यधारा में आई: वास्तविक और आभासी दुनिया के बीच की रेखाओं को धुंधला करना

By CMS Admin

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