प्राकृतिक खेती से जीवन में क्रांति: पिछले 16 साल में दवाई पर नहीं खर्च किया एक भी रुपया
प्राकृतिक खेती से जीवन में क्रांति: पिछले 16 साल में दवाई पर नहीं खर्च किया एक भी रुपया

By Manvendra Singh

प्रदूषित खेती और बढ़ती बीमारियों के इस दौर में उत्तर प्रदेश के किसान प्रदीप दीक्षित ने एक अनोखा रास्ता चुना - प्राकृतिक खेती। पिछले 16 सालों से न उन्होंने कोई दवा खाई, न अपने खेतों में कोई रसायन डाला। उनके खेत अब ज़हरमुक्त हैं, मिट्टी फिर से ज़िंदा हो गई है और परिवार पूरी तरह स्वस्थ है। यह कहानी बताती है कि अगर इरादा मजबूत हो, तो मिट्टी और जीवन दोनों को स्वस्थ बनाया जा सकता है- बिना ज़हर, बिना दवाई।

प्रदूषित खेती और बढ़ती बीमारियों के इस दौर में उत्तर प्रदेश के किसान प्रदीप दीक्षित ने एक अनोखा रास्ता चुना - प्राकृतिक खेती। पिछले 16 सालों से न उन्होंने कोई दवा खाई, न अपने खेतों में कोई रसायन डाला। उनके खेत अब ज़हरमुक्त हैं, मिट्टी फिर से ज़िंदा हो गई है और परिवार पूरी तरह स्वस्थ है। यह कहानी बताती है कि अगर इरादा मजबूत हो, तो मिट्टी और जीवन दोनों को स्वस्थ बनाया जा सकता है- बिना ज़हर, बिना दवाई।

अगर अब भी न ध्यान दिया तो धरती से खत्म हो जाएंगे प्रकृति के नन्हे सिपाही: डंग बीटल
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By Manvendra Singh

गाँव, जंगल या खेत में गोबर को लुढ़काते दिखने वाले ये साधारण कीट असल में पर्यावरण के नायकों में से हैं। Dung Beetle, जिन्हें गुबरैला भी कहा जाता है, न सिर्फ मिट्टी की उर्वरता बढ़ाते हैं बल्कि ग्रीनहाउस गैसों को कम करने में भी मदद करते हैं। भारत में इनकी सैकड़ों प्रजातियाँ हैं, लेकिन शहरीकरण, रसायनों के बढ़ते उपयोग और जलवायु परिवर्तन के कारण इनकी संख्या घटती जा रही है।

गाँव, जंगल या खेत में गोबर को लुढ़काते दिखने वाले ये साधारण कीट असल में पर्यावरण के नायकों में से हैं। Dung Beetle, जिन्हें गुबरैला भी कहा जाता है, न सिर्फ मिट्टी की उर्वरता बढ़ाते हैं बल्कि ग्रीनहाउस गैसों को कम करने में भी मदद करते हैं। भारत में इनकी सैकड़ों प्रजातियाँ हैं, लेकिन शहरीकरण, रसायनों के बढ़ते उपयोग और जलवायु परिवर्तन के कारण इनकी संख्या घटती जा रही है।

जब गाड़ी की सर्विसिंग समय पर कराते हैं, तो अपने शरीर की जाँच से क्यों कतराते हैं?
जब गाड़ी की सर्विसिंग समय पर कराते हैं, तो अपने शरीर की जाँच से क्यों कतराते हैं?

By Manvendra Singh

अपने शरीर के संकेतों को समझिए, साल में एक बार रूटीन जाँच कराइए, और डॉक्टर से मिलने में संकोच मत कीजिए।

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महिलाओं के इस स्टार्टअप से आपको भी सीखना चाहिए
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By Manvendra Singh

कल को दूसरों के घरों में काम करने वाली ये महिलाएं आज आत्मनिर्भर हैं, ये खुद का व्यवसाय करती हैं, अब इन्हें डाँट नहीं सुननी पड़ती, इनकी कोशिश है कि इनके आसपास की हर एक महिला को चार पैसे के लिए किसी के सामने हाथ न फैलाना पड़े।

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AI की मदद से तमिलनाडु में ट्रेन से होने वाली हाथियों की मौत अब इतिहास बनने वाली है
AI की मदद से तमिलनाडु में ट्रेन से होने वाली हाथियों की मौत अब इतिहास बनने वाली है

By Manvendra Singh

जंगलों में बढ़ती इंसानों की दखलंदाज़ी से आए दिन मानव-पशु संघर्ष की घटनाएं होती रहती हैं, ऐसे ही जंगल से होकर गुजरने वाली रेलवे लाइन से आए दिन ट्रेन से हाथी के एक्सीडेंट की खबरें आती रहती हैं, लेकिन तमिलनाडु में इसका भी हल निकाल लिया गया, जानिए कैसे?

जंगलों में बढ़ती इंसानों की दखलंदाज़ी से आए दिन मानव-पशु संघर्ष की घटनाएं होती रहती हैं, ऐसे ही जंगल से होकर गुजरने वाली रेलवे लाइन से आए दिन ट्रेन से हाथी के एक्सीडेंट की खबरें आती रहती हैं, लेकिन तमिलनाडु में इसका भी हल निकाल लिया गया, जानिए कैसे?

लाख की खेती: कम लागत में ज़्यादा मुनाफ़ा देने वाली खेती
लाख की खेती: कम लागत में ज़्यादा मुनाफ़ा देने वाली खेती

By Manvendra Singh

लाख की खेती किसानों के लिए वरदान साबित हो रही है, जिसमें कम लागत में अधिक पैदावार होती है। यह खेती जीरो बजट फार्मिंग की श्रेणी में आती है, जहाँ बहुत कम लागत से भी किसानों को सात से आठ गुना अधिक कमाई होती है। लाख की खेती में न तो हींग लगती है, न ही फिटकरी, बल्कि बेहद कम खर्च में किसानों को उच्च गुणवत्ता की उपज मिलती है।

लाख की खेती किसानों के लिए वरदान साबित हो रही है, जिसमें कम लागत में अधिक पैदावार होती है। यह खेती जीरो बजट फार्मिंग की श्रेणी में आती है, जहाँ बहुत कम लागत से भी किसानों को सात से आठ गुना अधिक कमाई होती है। लाख की खेती में न तो हींग लगती है, न ही फिटकरी, बल्कि बेहद कम खर्च में किसानों को उच्च गुणवत्ता की उपज मिलती है।

क्या पंजाब का गेहूँ बना महाराष्ट्र के गाँवों में लोगों के गंजेपन की वजह?
क्या पंजाब का गेहूँ बना महाराष्ट्र के गाँवों में लोगों के गंजेपन की वजह?

By Manvendra Singh

महाराष्ट्र के बुलढाणा ज़िले के कई गाँव में अचानक से लोगों के बाल तेज़ी से झड़ना शुरू हो गए जिसके कारण कई लोग गंजे भी हो गए। इसके पीछे की वजह पंजाब से आये गेहूं को बताया जा रहा है।

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कहीं आप भी तो नहीं लेती हैं गर्भनिरोधक गोलियां? डॉक्टर से जानिए क्या हैं दुष्प्रभाव
कहीं आप भी तो नहीं लेती हैं गर्भनिरोधक गोलियां? डॉक्टर से जानिए क्या हैं दुष्प्रभाव

By Manvendra Singh

अबॉर्शन हमारे देश में मातृत्व मृत्यु दर की 8% मौतों के लिए जिम्मेदार है। डॉक्टरों का कहना है कि गर्भपात से बेहद सुरक्षित उपाय सही गर्भनिरोधक तरीकों का इस्तेमाल करना होता है ताकि अनचाहे गर्भ से बचा जा सकें। लेकिन सही गर्भनिरोधक तरीके क्या होते हैं और उन्हें कैसे इस्तेमाल किया जाना चाहिए, ये कितने सुरक्षित और कारगर हैं इन सभी सवालों के जवाब आज प्रसूति विशेषज्ञ डॉक्टर अंजू अग्रवाल से जानेंगे।

अबॉर्शन हमारे देश में मातृत्व मृत्यु दर की 8% मौतों के लिए जिम्मेदार है। डॉक्टरों का कहना है कि गर्भपात से बेहद सुरक्षित उपाय सही गर्भनिरोधक तरीकों का इस्तेमाल करना होता है ताकि अनचाहे गर्भ से बचा जा सकें। लेकिन सही गर्भनिरोधक तरीके क्या होते हैं और उन्हें कैसे इस्तेमाल किया जाना चाहिए, ये कितने सुरक्षित और कारगर हैं इन सभी सवालों के जवाब आज प्रसूति विशेषज्ञ डॉक्टर अंजू अग्रवाल से जानेंगे।

डाइट के वायरल ट्रेंड्स का सच: जानिए क्या है डायटीशियन की राय
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By Manvendra Singh

आज के इस इंटरनेट के दौर में सिर्फ एक क्लिक पर हमें हर चीज़ की जानकारी मिल जाती है। लेकिन जब जानकारी स्वस्थ्य या खानपान से संबंधित हो, तो इंटरनेट पर निर्भर रहना कई बार हानिकारक हो सकता है। ऐसे में डाइट से संबंधित बहुत सी चीज़ें इंटरनेट पर खूब वायरल होती हैं, जैसे कि इंटरमिटेंट फास्टिंग और वीगन डाइट। लेकिन क्या ये आपके लिए पूरी तरह सही हैं, या फिर इसके भी कुछ नुकसान हो सकते हैं? इन सभी सवालों के जवाब आपको आज आहार विशेषज्ञ नेहा मोहन सिन्हा से विस्तार में जानने को मिलेंगे।

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ग्रामीण भारत में क्यों बढ़ रहे हैं सिजेरियन डिलीवरी के मामले?
ग्रामीण भारत में क्यों बढ़ रहे हैं सिजेरियन डिलीवरी के मामले?

By Manvendra Singh

ग्रामीण भारत में क्यों बढ़ रहे हैं सिजेरियन डिलीवरी के मामले? नॉर्मल या फिर सिजेरियन कौन सा तरीका होता है ज़्यादा सुरक्षित? गाँव कनेक्शन के खास कार्यक्रम नमस्ते डॉक्टर में प्रसूति एवं स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ रेखा सचान ऐसे ही कई सवालों के जवाब दे रही हैं।

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'डमी' द राइज़ ऑफ़ एगटेक: ट्रांसफ़ॉर्मिंग एग्रीकल्चर विद टेक्नोलॉजी

By CMS Admin

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'डमी' बायोप्रिंटिंग ने चिकित्सा में क्रांति ला दी: प्रत्यारोपण के लिए अंगों और ऊतकों की छपाई

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'डमी' फोल्डेबल फोन केंद्र में हैं: स्मार्टफोन के भविष्य की एक झलक

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'डमी' साइबर सुरक्षा जाल वास्तुकला का उदय: साइबर हमलों के खिलाफ एक अधिक लचीला बचाव

By CMS Admin

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'डमी' के-ड्रामा का क्रेज: क्यों कोरियाई ड्रामा दुनिया भर में धूम मचा रहा है

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शिक्षा में 'डमी' आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस: सीखने को निजीकृत करना और शिक्षकों को सशक्त बनाना

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'डमी' आभासी वास्तविकता मुख्यधारा में आई: वास्तविक और आभासी दुनिया के बीच की रेखाओं को धुंधला करना

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