मिट्टी को मार रही है पराली की आग: जानिए कैसे बचाएं अपनी ज़मीन की जान
मिट्टी को मार रही है पराली की आग: जानिए कैसे बचाएं अपनी ज़मीन की जान

By Divendra Singh

मिट्टी सिर्फ धूल या रेत नहीं, बल्कि एक जीवित दुनिया है जहाँ अनगिनत सूक्ष्मजीव और केंचुए जीवन का चक्र चलाते हैं। लेकिन जब खेतों में पराली जलती है, तो यह जीवंत संसार धीरे-धीरे मरने लगता है। यह लेख बताता है कि मिट्टी कब “सजीव” होती है, कब “निर्जीव”, और किसान इसे कैसे पहचान सकते हैं और बचा सकते हैं।

मिट्टी सिर्फ धूल या रेत नहीं, बल्कि एक जीवित दुनिया है जहाँ अनगिनत सूक्ष्मजीव और केंचुए जीवन का चक्र चलाते हैं। लेकिन जब खेतों में पराली जलती है, तो यह जीवंत संसार धीरे-धीरे मरने लगता है। यह लेख बताता है कि मिट्टी कब “सजीव” होती है, कब “निर्जीव”, और किसान इसे कैसे पहचान सकते हैं और बचा सकते हैं।

लोक-आस्था की वैश्विक देवी बन गई हैं छठी मइया
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By Manoj Bhawuk

छठ पूजा की सबसे बड़ी सुंदरता इसकी लोकभाषा और लोक-संगीत में है। छठी मइया को गीतों में संवाद पसंद है, संस्कृत के गूढ़ मंत्रों में नहीं। यही कारण है कि घर से घाट तक की यात्रा गीतों से भरी होती है

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लोक-आस्था की वैश्विक देवी बन गई हैं छठी मइया
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By Manoj Bhawuk

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By Manoj Bhawuk

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Earth Day Special: क्या वास्तव में हम पृथ्वी की इतनी परवाह करते हैं?
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By गाँव कनेक्शन

संयुक्त राष्ट्रसंघ के अनुसार हर 4 महीने में एक नई संक्रामक बीमारी से आज हमारा सामना हो रहा है। विज्ञान इन सब नई नई बीमारियों के इलाज ढूढ़ने में हर बार लगा है और सफलता भी हासिल की है परंतु फिर भी कोई ऐसा पल नहीं आया जब मानव को कोई ऐसी बीमारियों की कोई चुनौती शेष न रह गई हो।

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Earth Day Special: क्या वास्तव में हम पृथ्वी की इतनी परवाह करते हैं?
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सेकुलर व्यवस्था है तो धार्मिक संपत्तियों को जनकल्याण में लगाने पर एतराज़ क्यों है?
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By Dr SB Misra

वक़्फ़ बोर्ड को समाप्त करने का प्रस्ताव तो है नहीं, यदि होता तो भी आश्चर्य नहीं होना चाहिए, क्योंकि दुनिया के तमाम इस्लामी देशों में ऐसी व्यवस्था नहीं है तब सेकुलर भारत में ही क्यों हो?

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खेत की मिट्टी की सेहत के लिए वरदान है नाडेप कंपोस्ट, आसान है इसे तैयार करने का तरीका
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By Ramji Mishra

जिस तरह से वैज्ञानिक किसानों को रासायनिक खाद और कीटनाशकों से दूरी बनाने की सलाह दे रहे हैं, ऐसे में किसानों के मन में सवाल आता है कि अगर रासायनिक उर्वरक नहीं तो फिर क्या? कृषि विज्ञान केन्द्र, शाहजहाँपुर के वैज्ञानिक नरेंद्र प्रसाद आज ऐसी ही एक खाद के बारे में बता रहे हैं।

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