उत्तराखंड की धराली त्रासदी ने बताया कि जलवायु परिवर्तन अब सिर्फ एक रिपोर्ट नहीं, एक हकीकत है
उत्तराखंड की धराली त्रासदी ने बताया कि जलवायु परिवर्तन अब सिर्फ एक रिपोर्ट नहीं, एक हकीकत है

By Seema Javed

उत्तराखंड की धराली में हालिया बादल फटने की घटना ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि हिमालय अब चेतावनी नहीं दे रहा, बल्कि सीधा जवाब दे रहा है। जलवायु परिवर्तन, अनियंत्रित विकास और नीति स्तर पर लापरवाही ने इस पहाड़ी राज्य को बार-बार त्रासदी के मुहाने पर ला खड़ा किया है।

उत्तराखंड की धराली में हालिया बादल फटने की घटना ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि हिमालय अब चेतावनी नहीं दे रहा, बल्कि सीधा जवाब दे रहा है। जलवायु परिवर्तन, अनियंत्रित विकास और नीति स्तर पर लापरवाही ने इस पहाड़ी राज्य को बार-बार त्रासदी के मुहाने पर ला खड़ा किया है।

इलेक्ट्रिक वाहनों की चार्जिंग को क्लीन एनर्जी से जोड़ने का अभी है सही वक्त: रिपोर्ट
इलेक्ट्रिक वाहनों की चार्जिंग को क्लीन एनर्जी से जोड़ने का अभी है सही वक्त: रिपोर्ट

By Seema Javed

ताज़ा रिपोर्ट बताती है कि भारत 2032 तक इलेक्ट्रिक वाहनों की चार्जिंग जरूरतें सिर्फ 3% नवीकरणीय ऊर्जा से पूरी कर सकता है। यानी EV अपनाने से बिजली ग्रिड पर बोझ नहीं पड़ेगा, अगर स्मार्ट नीति और चार्जिंग समय का सही समन्वय हो। रिपोर्ट दिन के समय चार्जिंग को बढ़ावा देने, Time-of-Day टैरिफ और डेटा-आधारित नीतियों को अपनाने की सिफारिश करती है।

ताज़ा रिपोर्ट बताती है कि भारत 2032 तक इलेक्ट्रिक वाहनों की चार्जिंग जरूरतें सिर्फ 3% नवीकरणीय ऊर्जा से पूरी कर सकता है। यानी EV अपनाने से बिजली ग्रिड पर बोझ नहीं पड़ेगा, अगर स्मार्ट नीति और चार्जिंग समय का सही समन्वय हो। रिपोर्ट दिन के समय चार्जिंग को बढ़ावा देने, Time-of-Day टैरिफ और डेटा-आधारित नीतियों को अपनाने की सिफारिश करती है।

अब सिर्फ चेतावनी नहीं, कानूनी ज़िम्मेदारी है जलवायु की रक्षा
अब सिर्फ चेतावनी नहीं, कानूनी ज़िम्मेदारी है जलवायु की रक्षा

By Seema Javed

इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस (ICJ) ने जलवायु परिवर्तन को रोकने को केवल नैतिक जिम्मेदारी नहीं, बल्कि कानूनी कर्तव्य करार दिया है। अब दुनियाभर की सरकारें ग्रीनहाउस गैसों के उत्सर्जन में कटौती और जीवाश्म ईंधनों से दूरी बनाए बिना बच नहीं सकेंगी, क्योंकि जलवायु संकट से निपटना अब मानवाधिकार और न्याय का सवाल बन गया है।

इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस (ICJ) ने जलवायु परिवर्तन को रोकने को केवल नैतिक जिम्मेदारी नहीं, बल्कि कानूनी कर्तव्य करार दिया है। अब दुनियाभर की सरकारें ग्रीनहाउस गैसों के उत्सर्जन में कटौती और जीवाश्म ईंधनों से दूरी बनाए बिना बच नहीं सकेंगी, क्योंकि जलवायु संकट से निपटना अब मानवाधिकार और न्याय का सवाल बन गया है।

कोयले से भी सस्ती हरित बिजली, लेकिन अब भी हैं चुनौतियाँ बरकरार
कोयले से भी सस्ती हरित बिजली, लेकिन अब भी हैं चुनौतियाँ बरकरार

By Seema Javed

IRENA की नई रिपोर्ट के मुताबिक, 2024 में शुरू की गई 91% नई रिन्यूएबल ऊर्जा परियोजनाएं किसी भी नई कोयला या गैस परियोजना से सस्ती थीं। तकनीकी प्रगति, प्रतिस्पर्धी बाजार और बैटरी जैसी तकनीकों ने बिजली उत्पादन की लागत को ऐतिहासिक रूप से गिरा दिया है, लेकिन ग्रिड से जुड़ाव, नीति समर्थन और वित्तीय व्यवस्था जैसी चुनौतियाँ खासकर विकासशील देशों के सामने अब भी एक बड़ी दीवार हैं।

IRENA की नई रिपोर्ट के मुताबिक, 2024 में शुरू की गई 91% नई रिन्यूएबल ऊर्जा परियोजनाएं किसी भी नई कोयला या गैस परियोजना से सस्ती थीं। तकनीकी प्रगति, प्रतिस्पर्धी बाजार और बैटरी जैसी तकनीकों ने बिजली उत्पादन की लागत को ऐतिहासिक रूप से गिरा दिया है, लेकिन ग्रिड से जुड़ाव, नीति समर्थन और वित्तीय व्यवस्था जैसी चुनौतियाँ खासकर विकासशील देशों के सामने अब भी एक बड़ी दीवार हैं।

क्रिकेट पर चढ़ा जलवायु संकट का पारा: अब सिर्फ खेल नहीं, सेहत का सवाल
क्रिकेट पर चढ़ा जलवायु संकट का पारा: अब सिर्फ खेल नहीं, सेहत का सवाल

By Seema Javed

आपका पसंदीदा खेल क्रिकेट जलवायु परिवर्तन की मार झेल रहा है। नई अंतरराष्ट्रीय रिपोर्ट ‘हिट फॉर सिक्स’ बताती है कि 2025 के IPL जैसे टूर्नामेंटों में हीटवेव और उमस ने खिलाड़ियों की सेहत पर गंभीर असर डाला। मुंबई, दिल्ली, तिरुवनंतपुरम जैसे शहरों में बढ़ते "खतरनाक गर्मी" वाले दिनों के आंकड़े चौंकाने वाले हैं। रिपोर्ट खेल संगठनों को सचेत करती है-जलवायु संकट अब खेल मैदान तक पहुंच गया है।

आपका पसंदीदा खेल क्रिकेट जलवायु परिवर्तन की मार झेल रहा है। नई अंतरराष्ट्रीय रिपोर्ट ‘हिट फॉर सिक्स’ बताती है कि 2025 के IPL जैसे टूर्नामेंटों में हीटवेव और उमस ने खिलाड़ियों की सेहत पर गंभीर असर डाला। मुंबई, दिल्ली, तिरुवनंतपुरम जैसे शहरों में बढ़ते "खतरनाक गर्मी" वाले दिनों के आंकड़े चौंकाने वाले हैं। रिपोर्ट खेल संगठनों को सचेत करती है-जलवायु संकट अब खेल मैदान तक पहुंच गया है।

2030 से पाँच साल पहले ही भारत ने हासिल किया 50% अक्षय ऊर्जा उत्पादन का लक्ष्य
2030 से पाँच साल पहले ही भारत ने हासिल किया 50% अक्षय ऊर्जा उत्पादन का लक्ष्य

By Seema Javed

भारत ने 2030 से पांच साल पहले ही अपनी कुल ऊर्जा क्षमता का 50% अक्षय स्रोतों से हासिल कर लिया है। यह उपलब्धि स्वच्छ ऊर्जा की दिशा में उसकी मजबूत प्रतिबद्धता और नीति-निर्माण की सफलता को दर्शाती है। सौर और पवन ऊर्जा जैसे स्रोतों पर बढ़ते निवेश, योजनाओं में जनभागीदारी और तेज़ी से बदलते ऊर्जा परिदृश्य ने भारत को वैश्विक मंच पर एक अग्रणी भूमिका में ला खड़ा किया है।

भारत ने 2030 से पांच साल पहले ही अपनी कुल ऊर्जा क्षमता का 50% अक्षय स्रोतों से हासिल कर लिया है। यह उपलब्धि स्वच्छ ऊर्जा की दिशा में उसकी मजबूत प्रतिबद्धता और नीति-निर्माण की सफलता को दर्शाती है। सौर और पवन ऊर्जा जैसे स्रोतों पर बढ़ते निवेश, योजनाओं में जनभागीदारी और तेज़ी से बदलते ऊर्जा परिदृश्य ने भारत को वैश्विक मंच पर एक अग्रणी भूमिका में ला खड़ा किया है।

धरती का तीसरा ध्रुव भी तपने लगा: WMO रिपोर्ट से डरावनी तस्वीर
धरती का तीसरा ध्रुव भी तपने लगा: WMO रिपोर्ट से डरावनी तस्वीर

By Seema Javed

2024 एशिया के लिए जलवायु संकट की भयावह चेतावनी लेकर आया। वैश्विक तापमान ने अब तक के सभी रिकॉर्ड तोड़े, और एशिया दुनिया की तुलना में लगभग दोगुनी गति से गर्म हो रहा है। WMO की रिपोर्ट बताती है कि कैसे समुद्री हीटवेव, पिघलते ग्लेशियर, और बार-बार आने वाली आपदाएं एशिया को सामाजिक, आर्थिक और पारिस्थितिक रूप से अस्थिर बना रही हैं। यह संकट अब भविष्य की आशंका नहीं, आज की चुनौती है—क्या हम तैयार हैं?

2024 एशिया के लिए जलवायु संकट की भयावह चेतावनी लेकर आया। वैश्विक तापमान ने अब तक के सभी रिकॉर्ड तोड़े, और एशिया दुनिया की तुलना में लगभग दोगुनी गति से गर्म हो रहा है। WMO की रिपोर्ट बताती है कि कैसे समुद्री हीटवेव, पिघलते ग्लेशियर, और बार-बार आने वाली आपदाएं एशिया को सामाजिक, आर्थिक और पारिस्थितिक रूप से अस्थिर बना रही हैं। यह संकट अब भविष्य की आशंका नहीं, आज की चुनौती है—क्या हम तैयार हैं?

सिर्फ़ आपके घर नहीं, माँ के गर्भ तक पहुँच रही हैं Heat Waves
सिर्फ़ आपके घर नहीं, माँ के गर्भ तक पहुँच रही हैं Heat Waves

By Seema Javed

गर्मी अब सिर्फ़ असहनीय नहीं रही, जानलेवा बन चुकी है—खासकर गर्भवती महिलाओं और उनके अजन्मे बच्चों के लिए। क्लाइमेट सेंट्रल की नई रिपोर्ट बताती है कि जलवायु परिवर्तन के चलते पिछले पाँच सालों में दुनिया भर में खतरनाक गर्मी वाले दिनों की संख्या लगभग दोगुनी हो गई है।

गर्मी अब सिर्फ़ असहनीय नहीं रही, जानलेवा बन चुकी है—खासकर गर्भवती महिलाओं और उनके अजन्मे बच्चों के लिए। क्लाइमेट सेंट्रल की नई रिपोर्ट बताती है कि जलवायु परिवर्तन के चलते पिछले पाँच सालों में दुनिया भर में खतरनाक गर्मी वाले दिनों की संख्या लगभग दोगुनी हो गई है।

जलवायु परिवर्तन के कारण बदली पश्चिमी विक्षोभों की दिशा, हिमालयी राज्यों में बाढ़ और भूस्खलन का बढ़ा खतरा
जलवायु परिवर्तन के कारण बदली पश्चिमी विक्षोभों की दिशा, हिमालयी राज्यों में बाढ़ और भूस्खलन का बढ़ा खतरा

By Seema Javed

जलवायु परिवर्तन के चलते पश्चिमी विक्षोभों की दिशा और आवृत्ति में आए बदलाव ने हिमालयी क्षेत्रों में मौसम की चरम घटनाओं—जैसे भारी बारिश, बाढ़ और भूस्खलन—की संभावना को बढ़ा दिया है। विशेषज्ञों के अनुसार, बढ़ते वैश्विक तापमान और अरब सागर से आने वाली नमी इन विक्षोभों को अधिक तीव्र बना रही है, जिससे जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड जैसे राज्यों में आपदाओं का खतरा बढ़ गया है। यह स्थिति न केवल पर्यावरणीय असंतुलन का संकेत है, बल्कि इन क्षेत्रों में रहने वाले लोगों के जीवन और आजीविका पर भी गंभीर प्रभाव डाल रही है।

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गर्मी क्यों बढ़ी इतनी तेज़? IIT बॉम्बे की स्टडी ने खोले मौसम के राज़
गर्मी क्यों बढ़ी इतनी तेज़? IIT बॉम्बे की स्टडी ने खोले मौसम के राज़

By Seema Javed

IIT बॉम्बे और जर्मनी की यूनिवर्सिटी की एक नई स्टडी ने खुलासा किया है कि इन दो महीनों की हीटवेव अलग-अलग कारणों से पैदा हुईं, लेकिन मिलकर उन्होंने भारत और दक्षिण एशिया को झुलसा दिया। एक तरफ ऊपरी वायुमंडल की हलचल, दूसरी तरफ ज़मीन की सूखी हालत — जानिए कैसे इन दोनों ने मिलकर हीटवेव को और ज़्यादा ख़तरनाक बना दिया।

IIT बॉम्बे और जर्मनी की यूनिवर्सिटी की एक नई स्टडी ने खुलासा किया है कि इन दो महीनों की हीटवेव अलग-अलग कारणों से पैदा हुईं, लेकिन मिलकर उन्होंने भारत और दक्षिण एशिया को झुलसा दिया। एक तरफ ऊपरी वायुमंडल की हलचल, दूसरी तरफ ज़मीन की सूखी हालत — जानिए कैसे इन दोनों ने मिलकर हीटवेव को और ज़्यादा ख़तरनाक बना दिया।

'डमी' बायोप्रिंटिंग ने चिकित्सा में क्रांति ला दी: प्रत्यारोपण के लिए अंगों और ऊतकों की छपाई

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'डमी' फोल्डेबल फोन केंद्र में हैं: स्मार्टफोन के भविष्य की एक झलक

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'डमी' द राइज़ ऑफ़ एगटेक: ट्रांसफ़ॉर्मिंग एग्रीकल्चर विद टेक्नोलॉजी

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'डमी' के-ड्रामा का क्रेज: क्यों कोरियाई ड्रामा दुनिया भर में धूम मचा रहा है

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शिक्षा में 'डमी' आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस: सीखने को निजीकृत करना और शिक्षकों को सशक्त बनाना

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'डमी' आभासी वास्तविकता मुख्यधारा में आई: वास्तविक और आभासी दुनिया के बीच की रेखाओं को धुंधला करना

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